शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

अचानक से


मुझे ईश्वर का वरदान हैं मेरे पिता,/मेरे लिए धूप में छावं है मेरे पिता,
मेरे वजूद का नाम है मेरे पिता,/मेरी धड़कन मेरी जान हैं मेरे पिता,........

लेखक  और कवि अंकुर जी का ब्लॉग
http://www.writerankur.in/2012/11/blog-post_9.html?spref=tw

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